
मध्यप्रदेश में मेलिओइडोसिस का खतरा बढ़ा, शिवपुरी में सतर्कता बढ़ाई गई
भोपाल/शिवपुरी |
मध्यप्रदेश में धान के खेतों से फैलने वाला खतरनाक जीवाणु संक्रमण मेलिओइडोसिस अब चिंता का विषय बन गया है। AIIMS भोपाल की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के करीब 20 जिलों में 130 से ज्यादा मरीज मिले हैं। फिलहाल शिवपुरी जिले से कोई पुष्ट मामला सामने नहीं आया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है।
—
📊 रिपोर्ट के बड़े खुलासे
यह बीमारी Burkholderia pseudomallei नामक बैक्टीरिया से फैलती है, जो खासकर धान के खेतों की मिट्टी और दूषित पानी में पाया जाता है।
मरीजों में तेज बुखार, खांसी, सीने में दर्द, घाव या अल्सर जैसे लक्षण दिखते हैं, जो अक्सर टीबी जैसे लगते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि समय पर सही इलाज न मिलने पर 30-40% मरीजों की मौत तक हो सकती है।
पिछले छह महीनों में राज्यभर में 130 पुष्ट मरीजों का इलाज किया गया।
—
🏥 शिवपुरी की स्थिति
शिवपुरी जिले से अभी तक कोई पुष्ट केस सामने नहीं आया है।
जिला अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को AIIMS भोपाल द्वारा मेलिओइडोसिस की पहचान और इलाज की ट्रेनिंग दी गई है।
—
🗣️ सीएम मोहन यादव का बयान
सीएम मोहन यादव ने एक्स (Twitter) (X) पर लिखा:
> “धान किसानों की चिंता करते हुए, मेलिओइडोसिस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य और कृषि विभाग को मिलकर जांच और रोकथाम के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।”
सरकार ने यह भी कहा है कि यदि कोई मरीज मेलिओइडोसिस से ग्रस्त पाया जाता है तो इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।
—
⚠️ किसे ज्यादा खतरा है
धान की खेती में काम करने वाले किसान
कीचड़ या पानी में बार-बार काम करने वाले लोग
डायबिटीज के मरीज
शराब का ज्यादा सेवन करने वाले लोग
—
🛡️ कैसे करें बचाव
खेतों में काम करते समय जूते या गमबूट पहनें
घाव या खरोंच होने पर खेत/कीचड़ में काम न करें
काम के बाद साबुन से हाथ-पांव अच्छी तरह धोएं
बार-बार बुखार/खांसी ठीक न हो तो तुरंत जांच कराएं
टीबी का इलाज न असर करे तो मेलिओइडोसिस की जांच करवाएं
—
📢 निष्कर्ष
राज्य में मेलिओइडोसिस का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। शिवपुरी में अभी तक कोई मामला नहीं है लेकिन सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। किसान और ग्रामीण लोग सावधानी बरतें और किसी भी लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।