CBSE बनाएगा AI सेंटर – अब 10वीं-12वीं की कॉपियाँ होंगी ऑन-स्क्रीन चेक, क्लास-9 के लिए ओपन-बुक एग्जाम

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपने छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है। बोर्ड ने अपनी हालिया गवर्निंग बॉडी बैठक में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित Digital Experience Centre बनाने को मंजूरी दे दी है। यह सेंटर दिल्ली के द्वारका स्थित सीबीएसई ऑफिस परिसर में बनाया जाएगा। इस सेंटर का उद्देश्य छात्रों को एक ऐसा माहौल देना है जहाँ वे किताबों के साथ-साथ तकनीक, डिजिटल टूल्स और इंटरैक्टिव तरीकों से पढ़ाई कर सकें।
बोर्ड का कहना है कि इस सेंटर में छात्रों को जिज्ञासा, नवाचार और प्रैक्टिकल सीखने को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों का अनुभव कराया जाएगा। इसके लिए सबसे पहले EOI (Expression of Interest) मंगाए जाएंगे, जिससे लागत, योजना और बजट का अनुमान तय किया जाएगा। इसके बाद ही औपचारिक टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।
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ऑन-स्क्रीन मूल्यांकन की तैयारी
CBSE ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की आंसरशीट्स के मूल्यांकन को पूरी तरह डिजिटल और ऑन-स्क्रीन बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस प्रक्रिया के तहत छात्रों की आंसरशीट्स को स्कैन किया जाएगा और परीक्षकों को कंप्यूटर स्क्रीन पर उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे —
रिजल्ट बनाने में समय बचेगा
गलतियों की संभावना कम होगी
मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी
बोर्ड ने कहा है कि पहले इसे कुछ विषयों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा और सफल होने पर इसे सभी विषयों में लागू किया जाएगा।
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क्लास-9 में ओपन-बुक असेसमेंट
सीबीएसई 2026-27 सेशन से क्लास 9 के लिए ओपन-बुक असेसमेंट (OBA) लागू करने जा रहा है। इस सिस्टम में छात्रों को परीक्षा के दौरान किताबें और स्टडी मटेरियल देखने की अनुमति होगी। इसका मकसद छात्रों को रटने के बजाय समझकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करना है।
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फीस में मामूली बढ़ोतरी
CBSE ने इस बार बोर्ड क्लासों की परीक्षा फीस में करीब 6.66% की वृद्धि की है। भारत में पाँच थ्योरी सब्जेक्ट्स के लिए अब फीस ₹1600 कर दी गई है, जबकि विदेश के स्कूलों के लिए लगभग 10% की बढ़ोतरी की गई है। यह बदलाव 2020 के बाद पहली बार हुआ है।
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Shivpuri के छात्रों के लिए महत्व
शिवपुरी जिले के छात्रों के लिए यह बदलाव राहतभरा है क्योंकि —
अब रिजल्ट प्रोसेस तेज होगा
स्कैन की गई कॉपी देखकर छात्र आसानी से रिव्यू / रिवाल्यूएशन के लिए आवेदन कर सकेंगे
तकनीक आधारित सीखने के अवसर बढ़ेंगे, खासकर जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उन्हें फायदा होगा
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परियोजना की लागत
इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग ₹28 करोड़ बताई जा रही है। अंतिम खर्च और समयसीमा EOI और टेंडर प्रक्रिया के बाद तय होगी।
Shivpuritezkhabar.com – KingKs