इशांक धाकड़ की नगरपालिका में वापसी, जांच पर पड़ सकता है असर
एडीएम की रिपोर्ट पर हुई थी कार्रवाई, अभी भी लंबित कई बिंदु

शिवपुरी। नगरपालिका शिवपुरी में 57 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार मामले में निलंबित किए गए सीएमओ इशांक धाकड़ अब न्यायालय से स्टे लेकर वापस अपने पद पर लौट आए हैं। इशांक की यह वापसी एक बार फिर से नपा में हलचल पैदा कर सकती है, क्योंकि जिस एडीएम रिपोर्ट के आधार पर तीनों सीएमओ पर कार्रवाई की गई थी, वह जांच अभी भी अधूरी है।
सूत्रों का कहना है कि जिन बिंदुओं पर कार्यवाही होनी थी, वह फिलहाल लंबित हैं। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि अगर इशांक पुनः सीएमओ की कुर्सी पर बैठते हैं, तो जांच की दिशा और गति पर असर पड़ सकता है।
एसडीएम के पास था प्रभार
इशांक धाकड़ के अवकाश पर जाने और फिर निलंबन के बाद नगरपालिका में वेतन सहित रोज़मर्रा के कामकाज प्रभावित न हों, इसके लिए पहले अस्थायी रूप से एक अन्य सीएमओ को नियुक्त किया गया था। बाद में प्रभार शिवपुरी एसडीएम आनंद सिंह राजावत को सौंपा गया। अब देखना होगा कि इशांक धाकड़ अपनी वापसी के बाद क्या नई रणनीति अपनाते हैं।
नगरपालिका में गुटबाजी तेज
नगरपालिका के अंदर पहले से ही दो गुट बने हुए हैं। एक गुट नपाध्यक्ष के नेतृत्व में इशांक धाकड़ का विरोध कर रहा है, जबकि विपक्षी पार्षदों का मानना है कि उनकी मौजूदगी से नपा में पारदर्शिता बनी रहेगी और कई लंबित मुद्दों पर कार्रवाई हो सकेगी। इस गुटबाजी के बीच इशांक धाकड़ की वापसी से एक बार फिर से माहौल गरमाना तय माना जा रहा है।
गुम फाइलें और जांच की चुनौती
प्रशासनिक जांच में कुछ फाइलें गुम बताई गई थीं, लेकिन सूत्रों के अनुसार उनकी जेरॉक्स कॉपियां व अन्य दस्तावेज़ उपलब्ध कराए जा सकते हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जांच आगे किस दिशा में बढ़ती है और क्या वाकई में भ्रष्टाचार के सभी पहलू सामने आ पाते हैं।