तकनीक और बाल दिवस पर कविता
लेखक: कृष्णा सेंगर
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तकनीक और बाल दिवस पर कविता
लेखक: कृष्णा सेंगर
छोटे-छोटे हाथों में बड़ी-बड़ी स्क्रीन,
बचपन अब उड़ रहा डिजिटल मशीन।
टैबलेट, लैपटॉप, सब इनके पास,
नया जमाना, नई है हर एक बात।
कभी किताबें थीं सच्चे साथी,
अब टेक्नोलॉजी में छिपी है हर बात की बाती।
ऑनलाइन क्लास में सीखते ज्ञान,
खेलते गेम्स से पाते पहचान।
नन्हें कोडर, छोटे प्रोग्रामर,
हर ऐप में है इनकी छाप चमकदार।
इनके सवालों में विज्ञान का है जादू,
डिजिटल दुनियां में खोजना हर राज़ का राज़ू।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ये युग,
इनके सपनों को देता नया रंग।
बाल दिवस पर चलें इस राह पर संग,
तकनीक के पंखों से भरें नई उड़ान का रंग।
आओ मनाएं इस डिजिटल दौर का उत्सव,
नन्हें नायकों के संग बढ़ाएं कदम।
बाल दिवस का ये दिन खास,
इनके भविष्य में तकनीक का हर सपना साकार।
(रचना: कृष्णा सेंगर)