आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन, नियमितीकरण, पेंशन और टेक्निकल सुविधाओं की मांग उठाई
धरना प्रदर्शन के बाद सौंपा ज्ञापन, कहा- बढ़ता काम और घटती सुविधाएं हमारे हौसले तोड़ रही हैं

शिवपुरी जिला मुख्यालय पर आज सोमवार को जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचीं। यहां उन्होंने जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम 10 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। इससे पहले कलेक्ट्रेट के पास धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई।
संघ की जिला अध्यक्ष साधना पाठक ने बताया कि हम बीते कई दशकों से महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत सेवाएं दे रही हैं। कुपोषण, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर में कमी, महिला सशक्तिकरण, बच्चों को पूर्व शिक्षा, पोषण आहार वितरण, टीकाकरण और अन्य कई जिम्मेदार कार्यों को हम पूरी निष्ठा से निभा रही हैं, लेकिन इसके बदले हमें सम्मानजनक सुविधाएं और तकनीकी संसाधन नहीं मिल पा रहे हैं।
ज्ञापन में प्रमुख रूप से यह मांगें रखी गईं—
सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियमित किया जाए और वर्ग निर्धारण कर पदोन्नति का प्रावधान तय किया जाए।
सेवा समाप्ति पर न्यूनतम पेंशन की सुविधा मिले ताकि वे सम्मान से जीवन बिता सकें।
10 वर्ष से अधिक का अनुभव रखने वाली कार्यकर्ताओं को पर्यवेक्षक पद पर बिना परीक्षा के पदोन्नत किया जाए।
अन्य विभागों जैसे बीएलओ या चुनावी कार्यों में आंगनबाड़ी कर्मचारियों को न लगाया जाए।
नियुक्ति परीक्षाओं में अतिरिक्त अंक का प्रावधान किया जाए, खासकर शिक्षा विभाग में।
18 वर्षों से एक जैसा टीएचआर (टेक होम राशन) दिया जा रहा है, इसमें बदलाव कर कुछ नवीन और पोषणयुक्त सामग्री शामिल की जाए।
पोषण ट्रैकर ऐप में आ रही समस्याएं दूर की जाएं, फेसकैप्चर की अनिवार्यता समाप्त हो या इसमें तकनीकी सुधार हों।
विभाग द्वारा दिए गए मोबाइल में न तो पर्याप्त मेमोरी है और न ही समय पर वैलेंस की राशि मिलती है, इसके लिए विभागीय प्रबंध किया जाए।
पुराने मोबाइल खराब हो चुके हैं, इसके लिए कार्यकर्ताओं के खाते में नई राशि दी जाए।
सेवा के दौरान मृत्यु हो जाने पर कार्यकर्ता या सहायिका के परिजनों को भी सेवानिवृत्ति की राशि मिले।
कार्यकर्ताओं का कहना था कि लगातार काम का बोझ बढ़ता जा रहा है, ऐप और ऑनलाइन कार्यों ने फील्ड वर्क की गुणवत्ता को प्रभावित किया है। टेक्नोलॉजी का सही उपयोग न होने से प्रदर्शन खराब दिखाया जा रहा है, जिससे मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है।
कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में आंदोलन और तेज किया जाएगा। ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रदेश नेतृत्व और जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी सौंपी गई।